Vodafone Idea 5G Deal; Nokia Ericsson | Vi 4G Network Upgrade | नोकिया और एरिक्सन से बातचीत कर रहा वोडाफोन-आइडिया: जून-जुलाई में 4G नेटवर्क अपग्रेड करने के लिए ऑर्डर दे सकती है कंपनी, 5G डील भी शामिल होने की उम्मीद


नई दिल्ली1 घंटे पहले

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टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (VI) अपने 4G नेटवर्क को अपग्रेड करने के लिए यूरोपीय वेंडर नोकिया और एरिक्सन के साथ बातचीत कर रही है। इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इसके बारे में जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, ₹18,000 करोड़ के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर यानी FPO के बाद बातचीत में तेजी आई है।

4G इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए कंपनी लगभग ₹13,000 करोड़ खर्च कर सकती है। चुनाव के बाद जून-जुलाई में कंपनी पर्चेजिंग ऑर्डर दे सकती है। इसमें 5G डील भी शामिल हो सकती है। हालांकि, कंपनी ने अभी तक ऑफिशियल रूप से इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है।

₹25,000 करोड़ जुटाने की कोशिश कर रही वोडाफोन-आइडिया
FPO के जरिए फंड जुटाने के अलावा टेलीकॉम कंपनी कर्ज के जरिए ₹25,000 करोड़ जुटाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा कंपनी ने प्रेफरेंशियल शेयर इश्यू के जरिए प्रमोटर यूनिट से ₹2,075 करोड़ जुटाने की पहले ही मंजूरी दे दी थी।

वोडाफोन आइडिया को 5G शुरू करने से पहले 4 नेटवर्क को अपग्रेड करना होगा
रिपोर्ट के अनुसार, वोडाफोन आइडिया को 5G शुरू करने से पहले 4 नेटवर्क को अपग्रेड करना होगा। इकोनॉमिक टाइम्स को एक अधिकारी ने बताया कि वोडाफोन आइडिया के 4G नेटवर्क में चीनी वेंडर्स की बड़ी हिस्सेदारी है, लेकिन चीनी फर्म को 5G नेटवर्क के लिए अनुमति नहीं है। इसलिए टेलीकॉम कंपनी को पहले यूरोपीय वेंडर्स के माध्यम से 4G नेटवर्क को अपग्रेड करना होगा और फिर 5G रोलआउट की योजना बनानी होगी।

वोडाफोन आइडिया पर 210000 करोड़ का कर्ज
वोडाफोन आइडिया वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही है, जिसपर 210000 करोड़ का कर्ज है। वोडाफोन आइडिया अपने कॉम्पिटिटर्स (Jio और भारती एयरटेल) के साथ कॉम्पिटिशन करने के लिए अपनी सर्विस और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना चाहती है। कंपनी अभी रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसे बड़े कॉम्पिटिटर्स से काफी पीछे है।

FPO क्या होता है?
फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) एक ऐसी प्रोसेस है जिसके ऐसी कंपनी जो पहले से शेयर बाजार में लिस्ट है, वह निवेशकों या मौजूदा शेयर होल्डर्स, आम तौर पर प्रमोटर्स को नए शेयर इश्यू करती है। आसान भाषा में समझे तो शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां सेकेंडरी मार्केट में नए शेयर इश्यू करके फंड जुटाती हैं।



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