Air India changed its baggage policy | एयर इंडिया ने बैगेज पॉलिसी में बदलाव किया: कंपनी की फ्लाइट में अब 15KG तक का सामान फ्री ले जा सकेंगे, पहले 20KG लिमिट थी


नई दिल्ली20 मिनट पहले

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एअर इंडिया ने घरेलू उड़ानों के लिए आज (4 मई) अपनी बैगेज पॉलिसी में बदलाव किया है। भारतीय एयरलाइन की नई पॉलिसी के अनुसार, कंपनी की डोमेस्टिक फ्लाइट में न्यूनतम किराए वाली कैटेगरी में अब एक पैसेंजर 15KG तक का सामान फ्री में ले जा सकेंगे। पहले केबिन में सामान रखने की लिमिट 20KG तक थी।

टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली भारतीय एयरलाइन ने इसके अलावा दूसरी कैटेगरी में भी बदलाव किए गए हैं। नई पॉलिसी 2 मई से लागू कर दी गई है। कंपनी ने पिछले साल एक मेन्यु-बेस्ड मूल्य निर्धारण मॉडल पेश किया था, जिसमें कम्फर्ट, कम्फर्ट प्लस और फ्लेक्स नामक ‘फेयर फैमिली’ शामिल थे। किरायों के ये ग्रुप कई प्राइस पॉइंट पर अलग-अलग लाभ और प्रतिबंध प्रदान करते हैं।

18,000 करोड़ रुपए में खरीदी थी एयरलाइन
जनवरी 2022 में, टाटा ग्रुप ने एयरलाइन का मैनेजमेंट और कंट्रोल अपने हाथ में लिया था। इसे भारत सरकार से 18,000 करोड़ रुपए में खरीदा था। सितंबर 2022 में एयरलाइन ने इंडियन हार्ट केसाथ वर्ल्ड क्लास ग्लोबल एयरलाइन बनने की दिशा में अपने मल्टी स्टेज ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप Vihaan.AI को अनवील किया था।

बीते पिछले साल दिया था 470 विमानों का ऑर्डर
एयरलाइन ने पिछले साल 470 विमानों के लिए ऑर्डर दिया था। इस डील में एअर इंडिया को फ्रांस की कंपनी एयरबस से 250 एयरक्राफ्ट और अमेरिकी कंपनी बोइंग से 220 एयरक्राफ्ट मिलेंगे। 31 एयरक्राफ्ट साल के आखिर तक सर्विस में शामिल हो जाएंगे, बाकी विमान 2025 मिड तक आएंगे। DGCA से भी इस डील को मंजूरी मिल गई है।

ग्लोबल एविएशन लीडर बनना चाहता है एअर इंडिया
एअर इंडिया नए एयरक्राफ्ट को बेड़े में शामिल कर दुनिया के लंबी दूरी के अन्य डेस्टिनेशन्स तक भी अपनी सर्विस को बढ़ाना चाहता है। यहां अभी विदेशी एयरलाइंस का दबदबा है और वो बड़े आराम से मार्केट के इस बड़े हिस्से को कंट्रोल कर रही हैं। एअर इंडिया के इस मार्केट में उतरने से गल्फ कैरियर्स को सीधे-सीधे भारतीय एयरलाइन से टक्कर मिलेगी।

1932 में शुरू हुई थी एअर इंडिया
एअर इंडिया के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल 1932 में हुई थी। इसकी स्थापना उद्योगपति JRD टाटा ने की थी। उस वक्त नाम टाटा एयरलाइंस हुआ करता था। JRD टाटा ने महज 15 की उम्र में साल 1919 में पहली बार शौकिया तौर पर हवाई जहाज उड़ाया था, लेकिन शौक जुनून बन गया और JRD टाटा ने अपना पायलट का लाइसेंस ले लिया।

15 अक्टूबर 1932 को पहली उड़ान
एयरलाइन की पहली कॉमर्शियल उड़ान 15 अक्टूबर 1932 को भरी गई थी। तब सिर्फ सिंगल इंजन वाला ‘हैवीलैंड पस मोथ’ हवाई जहाज था, जो अहमदाबाद-कराची के रास्ते मुंबई गया था। प्लेन में उस वक्त एक भी यात्री नहीं था बल्कि 25 किलो चिट्ठ‍ियां थीं। चिट्ठियों को लंदन से ‘इम्पीरियल एयरवेज’ से कराची लाया गया था। यह एयरवेज ब्रिटेन का राजसी विमान था। इसके बाद साल 1933 में टाटा एयरलाइंस ने यात्रियों को लेकर पहली उड़ान भरी।



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