आज से कुछ साल पहले भारत में आईटी सेक्टर बहुत ही तेजी से बढ़ रहा थी। इस वजह से आईटी सेक्टर हर साल हजारों की संख्या में कर्मचारियों की हायरिंग करती थी। हालांकि, बीते फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में आईटी सेक्टर में धीमी राजस्व वृद्धि के कारण भारत की प्रमुख आईटी कंपनियों ने 72,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। इन कंपनियों में इंफोसिस, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, विप्रो, टेक महिंद्रा और LTIMindtree जैसी कंपनियां शामिल है। आइए जानते हैं इन कंपनियों की छटनी के बारे में विस्तार से।
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छटनी के पीछे ये रहा बड़ा कारण
बता दें कि 31 मार्च को समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर 2023-24 तक देश की टॉप-6 आईटी कंपनियां में 72,063 कर्मचारियों की गिरावट आई। इस गिरावट का बड़ा कारण तकनीकी खर्च में वैश्विक मंदी और मांग के माहौल में अनिश्चित रही। ऐसी परिस्थिति ने FY 2023-24 में भारत के 254 बिलियन डॉलर के आईटी सेक्टर इंडस्ट्री को प्रभावित किया जिससे व्यापार वृद्धि धीमी हो गई। इस वजह से कंपनियों को नौकरियों में कटौती करने और नियुक्तियां काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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इंफोसिस ने की सबसे ज्यादा छटनी
अगर अलग-अलग कंपनियों की बात करें तो इस दौरान मार्केट लीडर टीसीएस ने 13,249 और इन्फोसिस ने 25,994 कर्मचारियों की छटनी की। जबकि इसी दौरान विप्रो ने कुल 24,516, सॉफ्टवेयर निर्यातक टेक महिंद्रा ने 6,945 जबकि LTIMindtree ने 2896 कर्मचारियों की छटनी की। बता दें कि भारत की टॉप-6 आईटी कंपनियों ने कोविड महामारी के तुरंत बाद अपने सर्विस की मजबूत मांग के कारण फाइनेंशियल–ईयर 2022-23 में 86,500 से अधिक कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ा था।