भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मसाले की क्वालिटी पर उठे सवाल के बीच अपने जांच दायरे को बढ़ा दिया है। FSSAI ने सभी मसाला बनाने वाली कंपनियों में परीक्षण और निरीक्षण का आदेश दिया है। देश के खाद्य सुरक्षा नियामक ने एक बयान में कहा- सैंपल में लिए गए प्रत्येक प्रोडक्ट की क्वालिटी और सुरक्षा मानकों आदि का विश्लेषण किया जाएगा। FSSAI ने यह भी कहा कि मसाले में एथिलीन ऑक्साइड की मौजूदगी की जांच की जाएगी। इसके परीक्षण के बाद हालात के हिसाब से उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी।
क्यों हो रही जांच
बता दें कि हांगकांग और सिंगापुर में भारत के एमडीएच और एवरेस्ट मसाले की क्वालिटी को लेकर सवाल उठे हैं। अप्रैल महीने में हांगकांग के खाद्य सुरक्षा नियामक ने इन दोनों कंपनियों के 4 मसाला प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही कंज्यूमर्स के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है।
क्या कहा था हांगकांग के खाद्य सुरक्षा नियामक ने
हांगकांग के खाद्य सुरक्षा नियामक सेंटर फॉर फूड सेफ्टी (सीएफएस) ने पांच अप्रैल को एक बयान में कहा था कि उसने दो भारतीय ब्रांड के कई प्रकार के डिब्बा बंद मसाला उत्पादों के सैंपल में स्वीकार्य सीमा से अधिक कीटनाशक ‘एथलीन ऑक्साइड’ पाया गया है। सीएफएस ने उपभोक्ताओं से इन उत्पादों की खरीदारी न करने के लिए कहा है। वहीं, सीएफएस आदेश को ध्यान में रखते हुए सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने उत्पादों की वापसी का निर्देश दिया था।
किन उत्पादों पर लगा प्रतिबंध
जिन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच मद्रास करी पाउडर (मद्रास करी के लिए मसाला मिश्रण), एमडीएच सांभर मसाला मिश्रित मसाला पाउडर, और एमडीएच करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला निर्यातक, उत्पादक और उपभोक्ता है। मसाला बोर्ड का कहना है कि भारत ने 2022-23 में 4 अरब डॉलर के मसाला उत्पादों का निर्यात किया।